
मैं एक छोटा बच्चा जरुर हूं, मेरे हाथ पैर छोटे-छोटे है और मै अभी आपके समान बडे-बडे काम कर नही ंसकता।कभी -कभी आप बडेलोग मेरी बात को बच्चो की बात मानकर नजर अन्दज कर देते है|मैं उस समय बहुत आहत होता हूं पर कुछ कर नहीं सकता। मेरा भी अपना आत्म सम्मान है , मैं भी चाहता हूं कि आप बडे लोग मेरी समस्याओं को समझें , मेरी बात पर ध्यान दें ।आपके द्वारा मुझेसमझे जाने पर बहुत खुशी मिलती है।