दिन में सूरज निकलता है
शाम को सूरज ढलता
रात में चन्दा आता है
चाँद चांदनी लाता है
तारे टिमटिम करते हैं
मुझको बहुत लुभाते हैं
रात चांदनी होती है
हमको प्यारी लगती है
चन्दा मेरा मामा है
प्यार बहुत ही करता है|
विष्णु कुमार कक्षा अभिव्यक्ति ५
दिन में सूरज निकलता है
शाम को सूरज ढलता
रात में चन्दा आता है
चाँद चांदनी लाता है
तारे टिमटिम करते हैं
मुझको बहुत लुभाते हैं
रात चांदनी होती है
हमको प्यारी लगती है
चन्दा मेरा मामा है
प्यार बहुत ही करता है|
विष्णु कुमार कक्षा अभिव्यक्ति ५
खुशबू आती हमें हंसाती
फूल खिलता हमें महकाता
बारिश आती छमछम
हमें नचाती धमधम धाम
आकाश में बादल लहराते
जिससे तारे चहक जाते
हम बच्चे हँसते-गाते
कभी बड़ों का दिल दुखाते
बड़े आते हमें समझाते
इसीलिये खुशिया आतीहमें हंसाती
फूल खिलता हमें महकाता
और सबका मन लुभाता|
ये कविता प्रयास की अभिव्यक्ति की छात्रा कश्मीरी द्वारा लिखी गई है|
इस माह से अपनी बात पर प्रयास के बच्चों द्वारा लिखी कविता पोस्ट की जायेगी|