रविवार, 18 अप्रैल 2010

मेरी कविता

दिन में सूरज निकलता है

शाम को सूरज ढलता 

रात में चन्दा आता है 

चाँद चांदनी लाता है 

तारे टिमटिम करते हैं 

मुझको बहुत लुभाते हैं

रात चांदनी होती है

हमको प्यारी लगती है

चन्दा मेरा मामा है

प्यार बहुत ही करता है|

   विष्णु कुमार कक्षा अभिव्यक्ति   ५ 

मेरी कविता

खुशबू आती हमें हंसाती 

फूल खिलता हमें महकाता 

बारिश आती छमछम 

हमें नचाती धमधम धाम

आकाश में बादल लहराते 

जिससे तारे चहक जाते

हम बच्चे हँसते-गाते

कभी बड़ों का दिल दुखाते

बड़े आते हमें समझाते

इसीलिये खुशिया आतीहमें हंसाती

फूल खिलता हमें महकाता 

और सबका मन लुभाता|

ये कविता प्रयास की अभिव्यक्ति की छात्रा कश्मीरी द्वारा लिखी गई है|

इस माह से अपनी बात पर प्रयास के बच्चों द्वारा लिखी कविता पोस्ट की जायेगी|