सोमवार, 8 जून 2009

छोटों का भी आत्मसम्मान होता है-


मैं एक छोटा बच्चा जरुर हूं,  मेरे हाथ पैर छोटे-छोटे है    और मै अभी आपके समान बडे-बडे काम कर नही ंसकता।कभी -कभी आप बडेलोग मेरी बात को बच्चो की बात मानकर नजर अन्दज कर देते है|मैं उस समय बहुत आहत होता हूं पर कुछ कर नहीं सकता। मेरा भी अपना आत्म सम्मान है , मैं भी चाहता हूं कि आप बडे लोग मेरी समस्याओं को समझें , मेरी बात पर ध्यान दें ।आपके द्वारा मुझेसमझे जाने पर बहुत खुशी मिलती है।

3 टिप्‍पणियां:

  1. आप्को कुछ कहने की ज़रूरत नही बीना जी यह तस्वीर सब कहती है लेकिन बड़े लोग समझे तब ना शायद इसीलिये आपको समझाने की ज़रूरत पड़ी -शरद कोकास दुर्ग छ.ग.

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  2. इस तसवीर की लडकी शायद मुझसे ही कुछ कहना चाह रही है. It is extremely a poor state of girl child in our country. With great respect, I request every newly-wed couple in this country to just think over the growing population. They should go for child only when they are capable to bring up the child in well manner otherwise they should not go for it.

    However, I am very much sentimental on seeing above photo.

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